करैरा गेहूं उपार्जन केंद्रों पर किसान परेशान

    *  गेहूं उपार्जन केंद्रों पर किसान परेशान * 

 ** फर्जी किसान उपार्जन केंद्र प्रभारियों से मिलकर शासन के खजाने में डालते डाका ** 

  *** मुख्य सचिव से की एक उपार्जन केंद्र का भौतिक सत्यापन करने की मांग ***

             बृजेश पाठक की कलम से

 करैरा । केंद्र सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उन्नीस सौ ₹25 प्रति कुंतल की दर से गेहूं खरीदी उपार्जन केंद्रों पर शासन द्वारा की जा रही है । उपार्जन खरीदी केंद्रों पर किसान परेशान ना हो इसके लिए मौसम को ध्यान में रखते हुए उत्तम प्रकार की व्यवस्था सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में केंद्र प्रभारियों द्वारा की जाने थी ।

                 उपार्जन केंद्रों पर किसानों को सुविधा व्यवस्था के नाम पर टोटा । इस कहावत को चरितार्थ कर्ता हैं ,जैसे " ढाक के तीन पात " खरीदी केंद्रों पर शून्य सुविधा है ।

             दूसरी ओर फर्जी किसान पटवारी एवं कृषि विभाग से मिलकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर आज बिना गेहूं की फसल बॉय उपार्जन केंद्रों पर गेहूं बेच  रहे हैं । इस फर्जीवाड़े में कौन दोषी है क्या कभी शासन प्रशासन सत्ता की जांच करवा सकता है ।

          फर्जी किसान व्यापारियों से 1700 रुपए प्रति कुंटल में गेहूं खरीद कर । शासकीय उपार्जन केंद्रों पर डाल रहे हैं और शासन से मुनाफा कमा रहे हैं ,असली किसान आज परेशान हैं  । इसी प्रकार करैरा विधानसभा क्षेत्र में सरसों, चना की फसल बहुत ही कम मात्रा में किसान बोते हैं । लेकिन फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करा कर शासन के खजाने में डाका दिनदहाड़े उपार्जन केंद्र प्रभारियों से मिलकर डाला जा रहा है । 

          + खरीदी केंद्रों पर जांच के बिंदु *

  * गेहूं उपार्जन केंद्रों पर प्रति 50 किलो बोरा पर किसान से 300 से 400 ग्राम गेहूं अधिक तौला जा रहा है * किसान के कहने पर उसका माल ना तोड़ने की धमकी दी जाती है  ।

 * किसान ही गेहूं का बुरा भर रहा है । अधिकांश केंद्रों पर ।

  * किसान को गेहूं तोल के बाद तत्काल टोल पर्ची नहीं दी जा रही है ।

 * उपार्जन केंद्रों पर पीने का पानी नहीं गर्मी से बचने के लिए टेंट नहीं बैठने को कुर्सियां नहीं ।

 * गेहूं खरीदी केंद्रों पर जनरेटर के नाम पर ₹5 प्रति बोरा अवैध पैसा लिया जा रहा है ।

 * उपार्जन केंद्रों पर सीधे-साधे अनपढ़ किसानों का गेहूं चोरी कर लिया जाता है ए बड़ा खेद का विषय है ।

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                    * इनका क्या कहना *

     उपार्जन केंद्रों पर सुविधाएं किसानों के लिए उत्तम प्रकार की हैं और यदि कहीं कोई शिकायत है , तो आप शिकायतकर्ता को हमारे पास भेजें वैसे पानी , टेंट आदि की व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत सीईओ उत्तरदाई हैं । 50 किलो से अधिक । कितना अधिक गेहूं तौल रहे हैं इस तत्व की जांच हम करवा लेते हैं । किसानों से जनरेटर के नाम पर पैसा कोई भी उपार्जन केंद्र प्रभारी नहीं वसूल सकता । यदि कोई शिकायत करता है ,तो अवश्य कार्रवाई की जावेगी  ।

                         गौरी शंकर बेरवा

                             तहसीलदार

                करैरा जिला शिवपुरी मध्य प्रदेश